कोलकाता, 13 अक्टूबर
कसबा स्थित सरकारी लॉ कॉलेज में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सोमवार को अदालत ने पहली बार किसी आरोपित को जमानत दी है। चार महीने बाद कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को अलीपुर अदालत ने सशर्त जमानत प्रदान की। वहीं, मुख्य आरोपित मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी अब भी जेल में बंद हैं।
यह घटना गत 25 जून की है, जब कसबा के एक सरकारी लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में ही सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पीड़िता ने दो दिन बाद यानी 27 जून को कसबा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने कॉलेज के पूर्व छात्र और अनुबंधित कर्मचारी मनोजीत मिश्रा, उसके दो सहयोगियों और कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को गिरफ्तार किया था।
पीड़िता का आरोप था कि घटना के दिन कॉलेज का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया और उसे गार्ड रूम में ले जाकर हॉकी स्टिक से बुरी तरह पीटा गया। हमले के दौरान उसके सिर में गंभीर चोट आई। आरोप यह भी है कि उस समय ड्यूटी पर मौजूद पिनाकी ने सब कुछ देखा, लेकिन पीड़िता की मदद करने या पुलिस को सूचना देने का कोई प्रयास नहीं किया।
अदालत में पिनाकी के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल एक मामूली वेतनभोगी कर्मचारी है और उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं हैं। वहीं, अभियोजन पक्ष ने सवाल उठाया कि अगर पिनाकी को घटना की जानकारी थी, तो उसने तत्काल इसकी सूचना क्यों नहीं दी? क्या वह इस तरह की घटनाओं से पहले से परिचित था?
इस मामले में यह पहली जमानत है, जबकि मुख्य आरोपित तीनों छात्र अब भी न्यायिक हिरासत में हैं।
जांच एजेंसियों का कहना है कि इस घटना के बाद कॉलेज प्रशासन के भीतर कई पुराने आरोप भी सामने आए हैं, जिनकी जांच जारी है।

