संत विनोबा भावे के 130वी जन्मशताब्दी पर आचार्य धर्मेंद्र के सानिध्य में प्रबोधन यात्रा की हुई शुरुआत

TAASIR :– S M HASSAN -10  SEPT

आरा,11सितंबर।  भूदान आन्दोलन के जनक,स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रथम व्यक्तिगत सत्याग्रही, महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संतलविनोबा की 130,वीं जन्म जयन्ती महोत्सव स्थानीय गांधीनगर में डाँ. सत्यनारायण उपाध्याय, अध्यक्ष भोजपुर जिला आचार्य कुल की अध्यक्ष ता में आयोजित हुई।आगत अतिथियों का स्वागत आचार्य कुल के प्रधान सचिव प.मधेश्वर पान्डेय ने स्वागत किया।।
वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेन्द्र ने विनोबा जयन्ती महोत्सव का उद्घाटन करतेहुआ कहा कि संत विनोबा का जन्म 11सितंबर 1895को महाराष्ट़ के गागोदा मे हुआ प्राथमिक शिक्षा गाँव मे हुई ।उच्च शिक्षा के लिए बम्बई जाना था पर वे वाराणसी आगये , वाराणसी मे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के उद्घाटन मे महात्मा गांधी भाषण को पढकर    प्रभावित हुए।गांधी जी के आश्रम गये ,गांधी के होकर रह गये। सेवा के साथ साथ अधययन भी चलता रहा।देश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम व्यक्तिगत सत्याग्रही हुए,बार जेलगये।स्वतंत्रता के पश्चात भूदान ,ग्रामदान,संपत्ति दान, श्रमदान आदि आन्दोलन चलाया।भूदान मे 44एकड़ भूमि प्राप्त हुई जिसमे अकेले बिहार ने 22,,लाख एकड दान दिया जिसका उपयोग भूमि हीनता मिटाने मे हुआ। विनोबाजी  शोषण मुक्त, सेवा प्रधान अहिंसक समाज रचना के पक्षधर थे।।                                 इस अवसर पर पधारे डाँ. ए.के.तिवारी, डाँ. ज्योतिन्द्र कुमार, डा.अजीत कुमार, डाँ. रमेश ऊपाधयाय, विनय प्रसाद, राजेश्वर राय,विवेकानंद ओझा, विकास यादव आदि ने भी विनोबा जी को 21वीं सदी का महान संत बतलाया।
 अध्यक्षीय भाषण मे डाँ. उपाध्याय ने कहा कि विनोबा जी संत के साथ समाजसेवी, विद्वान एवम क्रान्तिकारी विचारक थे।धन्यवाद ज्ञापन मधेश्वर पान्डे ने की।।
 प्रत्येक वर्ष की तरह ही इस वर्ष 11सितंबर से प्रवोधन पर्व यात्रा का शुभारंभ राष्ट्रीय संयोजक आचार्य डाँ धर्मैन्द्र की सन्निधि मे होगया जो 15नवंबर तक चलेगा।.इस अवसर पर नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव कुमुद रंजन सिंह ने आचार्य कुल के सभी सदस्यों एवम पदाधिकारियों को बधाई दी है।