पुस्तक ‘उड़ान’ का लोकार्पण समारोह आयोजित

 

आपकी शायरी आम लोगों की तर्जुमानी करता है– एम जेड खान
आपकी शायरी विभिन्न विचारों व कलात्मकता से परिपूर्ण है– डॉ रौनक़ शहरी

धनबाद।
अंजुमन तरक्की उर्दू (हिंद) झारखंड धनबाद के बैनर तले सुप्रसिद्ध शायर जालिब वतनी की पुस्तक ‘उड़ान’ के लोकार्पण समारोह का उन्हीं की अध्यक्षता में आयोजित हुई। लोकार्पण समारोह का कार्यक्रम राज मेरिज हॉल, अली नगर भूली रोड धनबाद में सम्पन्न हुआ। इसके बाद एक काव्य गोष्ठी भी आयोजित हुई।

इसका आगाज़ शायर अहमद फ़रमान ने तिलावते क़ुरान पाक से किया। उसके बाद किताब के संदर्भ में अपने विचार पेश किए।
त्रैमासिक पत्रिका ‘रंग’ के प्रधान संपादक डॉ इक़बाल हुसैन ने जालिब साहब की ज़िन्दगी और फ़न के हवाले से बात रखी।
प्रसिद्ध शायर व आलोचक इम्तियाज़ दानिश ने उनके गहन अध्ययन पर आधारित समीक्षा को पेश किया। अंजुमन के सचिव डॉ हसन निज़ामी ने जालिब साहब की कलात्मक विशेषताओं पर आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत किया। सुप्रसिद्ध शायर व आलोचक डॉ. रौनक़ शहरी ने कहा कि जालिब साहब आधुनिकता की अंधी दौड़ में नहीं चले। आप झारखण्ड के मोत्तबर शायर हैं, जिनकी शायरी विभिन्न विचारों व कलात्मकता से परिपूर्ण है। रांची से आए हुए शायर प्रो. जमशेद क़मर ने कहा कि आप भूगोल के शिक्षक होने की वजह से उसका रिफ्लेक्शन उनकी शायरी पर मिलता है। शायरी को उन्होंने नए अंदाज में पेश किया। जालिब साहब ने अपनी किताब से विभिन्न अशआर को सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अंजुमन के केंद्रीय प्रतिनिधि एम जेड खान साहब ने कहा कि धनबाद साहित्यिकता का केंद्र रहा है। अपने विस्तृत चर्चा में धनबाद की साहित्यिक माहौल और उर्दू के प्रति खिदमात से लोगों को आगाह किया। उन्होंने विमोचन कार्यक्रम करने पर धनबाद की अंजुमन टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जालिब साहब ने सन्दर्भात्मक काव्य रचना किया। 70 के दशक में आप फकीराना जिंदगी बसर करते रहे। आपकी शायरी आम लोगों की तर्जुमानी करता है। उर्दू लोकतंत्रात्मक भाषा है। इसके विकास और प्रसार के लिए मिलकर काम करना होगा। ग़ुलाम ग़ौस आसवी ने अपनी काव्यात्मक रचना में उन्हें नए तजुर्बों का शायर कहा।

अध्यक्ष इंजीनियर सैयद मिफ्ताहुल आरिफिन रिज़्वी ने स्वागत भाषण पेश करते हुए कहा कि कार्यक्रम में आए हुए सभी लोग बधाई के पात्र हैं, जो एक सदा पर लब्बैक कहते हुए हाज़िर हुए और इस महफ़िल में रौनक़ बख़्शी।

काव्य गोष्ठी में मैथन, कुमारधुबी के अलावे धनबाद, झरिया के अनेक नामवर शायर शिरकत किए, जिनमें नसीम अख्तर, अब्दुर्रहमान अब्द, इम्तियाज़ बिन अज़ीज़, ग़ुलाम ग़ौस आसवी, मो. जीलानी, अनवर शमीम, शाहिद करीम, साजिद अंसार, मुकर्रम अली नादिम, शैख़ हुसैन, फैज़ुल अमीन फ़ैज़, जमाल अनवर, यूनुस फ़िरदौसी आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।

अंत में अंजुमन के उप सचिव महफ़ूज़ आलम ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की।